Wednesday, September 2, 2015

डेढ वर्षीय वैसख़ान 14 दिन बाद पोषण पुनर्वाश केंद्र से स्वस्थ होकर वापस घर लौटा

डे वर्षीय वैसख़ान अपने माता शहाना बेगम और पिता हमिद खान की चौथी संतान है जो अपने तीन बडे भाई-बह्नो के साथ इलाहाबाद जिले के
Condition of the child before treatment 
विकास खंड शंकरग़
ढ के ललई गाव मे रहता है. वैस के मा-बाप खदान मजदूर है. जिनकी माली हालत अच्छी नही है. घर के नाम पर सिर्फ पत्थर से बना एक कमरा और एक वारंडा मात्र बना है जहा वे अपने चारो बच्चो के साथ रह्ते है. संस्था ने पह्ली बार सितम्बर 2015 मे ट्रैक किया जिसमे उसका वजन 6.400 किलो पाया गया जो अति गम्भीर कुपोषित के रूप मे चिहित किया गया और संस्था के सथियो ने उसके मा-बाप को कुपोषण के बारे मे बताया और खान-पान व देख-रेख बारे बताया. वैस का पूर्ण टीकाकरण करवाया गया. वैस जब 6 माह का हुआ तो अकसर बीमार रह्ने लगा जिसके कारण उसका वजन घटने लगा. उसके माता-पिता वैस को कई निजी चिकित्सको/ अस्पतालो मे इलाज कराये जिससे उसकी सेहत मे कभी सुधार तो कुछ दिन ठीक रह्ने के बाद फिर बीमार हो जाता. परिवार के भरण- पोषण के लिये जब पति- पत्नी दोनो खदान मे काम करने चले जाते तो इनकी 8 वर्षीय बेटी रुखसार वैस की देखभाल करती है. यही कारण है कि रुखसार स्कूल नही जा पाती
After treatment
थी. सही देखभाल ना हो पाने के कारण वैस लगतार कमजोर होता जा रहा था हामिद और शहाना बेगम वैस की सेहत को लेकर काफी गम्भीर थे. संस्था के कार्यकर्ता वैस को पोशण पुनर्वास केंद्र ले चलने के लिये उसके मात-पिता प्राय: कहा करते रहे परन्तु सरकारी ब्यवस्था के कटु अनुभव ने उनका विश्वास टूट चुका था. इसलिये वे सरकारी अस्पताल मे जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहे थे.

समय बीतता गया परन्तु बच्चा ठीक नही हुआ. प्राइवेट इलाज मे हजारो रुपये फूकने के बाद अखिरकार पोशण पुनर्वास केंद्र ले चलने के लिये तैयार हुये और 15 अगस्त को इलाहाबाद ले आया गया. यहाँ वैस को जब भर्ती किया गया तो 1.6 माह की उमर मे उसका वजन मात्र 7 किलो 15 ग़्राम था. एन0आर0सी0 मे वैस 28 अगस्त 2015 तक रहा. इस दौरान उसका नि:शुल्क पूरा इलाज व पोषण युक्त भोजन दिया गया. इस दौरान वैस के वजन मे लगभग 1.375 ग्राम की वद्धि हुई और मा शहाना बेगम को बच्चे के बेह्तर देखभाल के परामर्श दिया गया. हामिद और शहाना अपने बच्चे के साथ घर आ गये और काफी खुश है. वे अपने मुहल्ले मे एन0आर0सी0 की सुविधाओ के बारे मे बात करते थकते नही. वे कह्ते है कि डाक्टर साह्ब 12 अगस्त को फिर बुलाये है हम जरूर जायेंगे.       

Saturday, July 25, 2015

Hard work for Malnourished children

16 दिन बाद राम-लक्ष्मन चले घर की ओर!
25 वर्षीय संदीप एवम उसकी पत्नी सविता कोल अपने जुड्वा बच्चे राम-लक्ष्मन के साथ शंकरगढ के ओसा गाव मे रह्ते है. संदीप जब महज 12 वर्ष का था तब से वह पत्थर खदान मे काम कर रहा है. जिससे वह अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करता था यही उसके जीविका मुख्य श्रोत था. वह पिछ्ले एक साल से तपेदिक से पीडित है. जिसके कारण सूख कर कांटा हो चुका था. उसका चलना-फिरना दूभर हो चुका था जिससे उसे काम छोड्ना पडा और माली हालत बहुत ही खराब चुकी. अप्रैल 2015 मे संस्था ने स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल सी0एच0सी ले जाया गया. जहा जाच के उपरांत डाट्स से जोड दिया गया और नियमित दवा लेने के बाद उसकी स्थिति मे काफी सुधार आया उसे लगा अब वह बेह्तर है. परंतु मुसीबत तो उसके पीछे ही पड गयी. मई 2015 मे उसके घर आग लग गयी और पूरा छप्पर धू-धू करके जल गया. संस्था के कार्यकर्ता उसके मुवावजे के लिए खंड विकास अधिकारी से मिले और एक मांग पत्र सौपा जिस पर जाच के उपरांत 3200 रुपए प्राप्त किया.
यही नही संदीप के परेशानी उसका पीछा छोड्ने का नाम ही नही ले रही उसके दोनो बच्चे गम्भीर रूप से कुपोशित थे. सविता को लगतार बच्चो के देखभाल सम्बंधी जानकारी तथा पोषण पुनर्वाश केंन्द्र चलने के लिये प्रोत्साहित किया जाता रहा परन्तु सविता हर बार यही कहती कि अकेले पति को देखे या बच्चो को इलाहाबाद ले चले. आखिरकार 2-3 माह के बाद संदीप की हालत सुधरने के बाद 6 जुलाई को एन0आर0सी0 मे भर्ती कराये गये. 16 दिन मे बच्चो के वजन मे 1.5 से 2 किलो की ब्रिधि हुई. बच्चे पह्ले से काफी बेह्तर है. सविता और संदीप आज खुस होकर अपने घर गये.  

Thursday, July 23, 2015

Enrollment drive 2015

Organized BAL Rally in nine villages of Shankargarh Block on 15-17 July 2015 under enrollment drive.



Education Resource Society organized BAL Rally under enrollment drive at Ganne, Ganne Pahari, Ganne Dera and Lalai villages on 16 July 2015 and the second day 17 July, BAL Rally started from Room Pahari village and covered Dadda ka pura, Pandit Ka pura and concluded at Seedh ticket Pahari.  Before the rally the team of ERS identified and listing of out of school and eligible for class 6 children of 6-14 years age groups. The list of children shared with school teachers and team members met to concern children parents and motivated to them for enrollment of children at school. In addition, the team members have done wall writing in villages with deferent slogans.  During the BAL Rally more than 250 children participated in deferent villages and also participated school teachers. The children appealing to parents for the all children to sending in school with motivational slogans. 

Saturday, June 20, 2015

One day workshop has been concluded at Shankargarh block Office, Allahabad


WCD department organized a workshop on concept of AAA (ASHA, ANM and AWC) with PRI members at Shankargarh block head office; on 29th May 2015 under Rajya Poshan Mission Uttar Pradesh. There were ERS team invited as resource team and representatives had facilitated to participants on the provisions and services of NRC (Nutritional Rehabilitation Center); also shared/presented a success case story of SAM (Severe Acute Malnourished) child and facilitated to front workers about prevention of malnourishment of children and also shared KAP for care to the children There were participated more than 150 ASHA, ANM and AWW with head of Panchayat.  The programme inaugurated by Shankargarh Block Pramukh Mr. Ashok Kumar Singh and anchoring by CDPO shankargarh.

Wednesday, April 29, 2015

An Initiatives for TB patient Priyanka Adiwasi

During treatment 
During dischage
20वर्शीय प्रियंका आदिवासी, ग़न्ने गाव निवासी कल्लू कोल की पह्ली संतान है. गरीबी और अभाओ से जूझता कल्लू के परिवार का जीविका का साधन मजदूरी पर निर्भर है. ग़रीबी मे पली-बढी प्रियंका की शादी उसके मा-बाप ने महज़ 17 साल मे कर दी. शारीरिक रूप से कमजोर प्रियंका साल भर पह्ले जब गर्भवती हुई तो 4 माह का गर्भपात हो गया. प्रियंका धीरे-2  बीमार रह्ने लगी और उसे टी0बी जैसी घातक बीमारी ने अपने आगोश मे ले लिया. प्रियंका के ससुराली जन 2-4 महीने इलाज कराये परंतु कुछ दिन मे ऊब कर उसके मायके गन्ने गाव छोड दिये. अ‍ब तक प्रियंका सूख कर कांटा हो चुकी थी, जिस्म पर सिर्फ इंसानी सांचा और सांस बची थी. उसके मा-बाप उसकी उम्मीद छोड चुके थे. तभी संस्था के कार्यकर्ता की नजर प्रियंका पर पडी, आनन-फ़ानन मे उसे राजकीय टी.बी. रोग निवारॅण अस्प्ताल इलाहाबाद मे भर्ती कराया गया. जहा उसकी तबियत और बिगड्ने मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. मेडिकल कालेज मे लम्बी कार्यवाही के चलते संस्था कार्यकर्ताओ व मेडिकल स्टाफ के बीच खासी झडप हुई तब जाकर प्रियंका का इलाज शुरू हुआ. संस्था की विभागीय पैरोकारी के कारण उसका निह्शुल्क दवाये दिलायी गयी और बाद मे डाट्स से जोड दिया गय. फ़िलहाल प्रियंका स्व्स्थ्य है और नियमित दवाये ले रही है. 

Sunday, February 22, 2015

Five days SNEHA SHVIR for severe acute malnourished (SAM) children concluded at Aganwari Kendra Ganne village, Shankargarh Allahabad on 14 November 2014. There were presented 12 SAM children all five days with their mothers and get Hot cooked meals with protein, vitamins and minerals with support of ICDS department and organization workers counseling for the best practices and learn making recipes to reduce malnutrition. we would like to share a presentation.