डिजिटल युग मे आज अधिकतर ज्ञान,जानकारी व सरकारी
कार्यक्रम इंटरनेट की दुनिया मे
समाहित हो रहा है और जहाँ एक
तरफ सूचनाये स्मार्टफ़ोन एप्स,
कंप्यूटर,
लैपटॉप के माध्यम से देखी जा रहीं है वहीं
शंकरगढ जैसे पिछड़े विकास खंड के आदिवासी
गाँव के लोग मामूली कामो के लिए
ज्ञानी लोगो की तलाश करते है या सहज जान
सेवा केंद्रों में भारी भरकम फीस
देकर काम करवाने/ जानकारी हासिल करने को
मजबूर है। सामाजिक संस्था एजुकेशन
रिसोर्स सोसाइटी ने इन जरूरतों की पूर्ति
के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यशाला
का आयोजन किया। यह कार्यशाला गन्ने गाँव
मे आयोजित की गई। जिसमें कुल 17 युवा व ई0आर0एस स्वयंसेवक मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुवात गाँव मे शिक्षा, स्वास्थ जैसे मसलो के
साथ अन्य सरकारी स्कीमो/कार्यक्रमो पर परिचर्चा करते हुए मुद्दों को समझने
का प्रयास किया गया . जिस पर
उन्हें डिजिटल पैरोकारी के गुर
सिखाए गए। कार्यशाला मे सर्वप्रथम
मुद्दे आधारित विभिन्न विभागों से जुड़े
प्राधिकृत अधिकारियों व अन्य ऑफीशियल्स
के बारे में बताया गया। इसके अलावा
प्रतिभागियों को निवेदन/आवेदन व शिकायत
पत्र लिखना सिखाया गया। जिसमें
किसी प्रकार की मांग अथवा
शिकायत दोनो को ही शामिल किया गया। इन पत्रो को IGRS
पर अपलोड करना तथा ईमेल के
माध्यम से विभागो को भेजने के तरीके भी बताये गये। इसके अलावा जमीन सम्बंधी
सूचनाओं को देखने व संग्रह करने के लिए भूलेख,
राशन कार्ड की सूची देखने हेतु
एफसीएस आदि वेबसाइट्स व ऐप्स के बारे में लैपटॉप व मोबाइल के माध्यम से
जानकारी दी गई। वर्कशॉप का संचालन शिवांगी ने किया तथा नाज़िया व संतोष
सहयोगी रहे।
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